हमारे जीवन पर सोशल साइट्स का साइड इफेक्ट्स।


सोशल साइट्स का हम सभी पर का हानिकारक प्रभाव। (Side effects of social sites on our life)

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अगर देखा जाए तो आज के समय में सोशल साइट्स का चलन बहुत चरम सीमा पर है। सोशल साइट को इसलिए बनाया गया ताकि लोग एक दूसरे से काफी दूर होने के बावजूद भी एक दूसरे से जुड़े रहें और अपने जीवन से जुड़ी हर वह पल, एहसास और ख़ुशी को फोटो, वीडियो और टेक्स्ट के जरिए वहां शेयर कर सके।

लेकिन देखा जाए तो पूरी दुनिया पे इसका ठीक विपरीत असर हुआ है। पहले लोग खाली समय में एक जगह पर इकठ्ठा होकर आपस में एक दूसरे से बात करते थे। एक दूसरे से अपनी प्रॉब्लम और सुझावों को शेयर करते थे।

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लेकिन आज का इंसान कंप्यूटर और स्मार्ट फोन पर अपनी आंख गढ़ाए, उन चीजों के बारे में सोचता है जिसे उसे कभी सोचने ही नहीं चाहिए थी। जैसे मेरे सोशल प्रोफाइल स्टेटस पर कितने लोगों ने लाइक किया या कमेंट किया कि नहीं किया। इन्ही सब चीजों के जाल में लोग उलझते ही चले जा रहे हैं। इसकी वजह से हम लोग डिप्रेशन, चिंता, गुस्सा, ईर्ष्या इत्यादि के जाल में पूरी तरह से फसते चले जा रहा है।

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सोशल साइट्स के साइड इफेक्ट्स का कारण (Reason behind side effects of social sites) 

अत्यधिक मोबाइल फोन और कंप्यूटर इस्तेमाल करने की वजह से हम लोग अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस लेवल यानि आत्मविश्वास खोते चले जा रहे हैं।  जिसका दुष्परिणाम यह निकलना है कि हमारे पास काबिलियत होते हुए भी अपनी बातों समझा नहीं पाते। इसका कारण यह है कि हम वास्तविक लोगों से कम जुड़े रह रहे हैं। क्योंकि हम अत्याधिक समय इंटरनेट, चैटिंग और सोशल साइट्स पर व्यतीत कर रहे हैं।

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हमें इन सभी चीजों से बाहर निकलना होगा।  इन सब चीजों से बाहर निकलने का एक ही तरीका है और वो तरीका ये हैं कि हमें अपने दोस्तों से और अपने करीबी लोगों से WhatsApp, फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल साइट पर मिलने के बजाए उनसे हमें खाली समय में मिलना चाहिए और अपनी बातें उनके सामने रखनी चाहिए। जिसे हम वास्तविक जीवन जीने को महसूस कर सकेंगे और जो हमारी कमियाँ हैं वो हमसे दूर हो जायेंगी।

क्या सोशल साइट्स के बारे में ये जानकारी आपको सही लगी?

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