आत्मज्ञान से जुड़ी कुछ बातें (Enlightenment Facts in Hindi)


हमारे जीवन से जुड़ी कुछ जरूरी बातें। (आत्मज्ञान हिंदी में)


अपने ही कामों में अपने आपको पूरी तरह से आत्मार्पित कर दो। जिस काम को तुम उचित समझते हो, उसे खुलकर तो करो, जमकर तो करो। भक्ति हो, साधना हो, सेवा हो, तप हो, तपस्या हो, दोस्ती हो, गृहस्थी हो, प्रेम हो जो भी करो पूरी तन्मयता से करो।
श्रीकृष्ण ने यह ज्ञान दिया कि हिम्मत की ज्यादा आवश्यकता तो मुसीबत के समय है। सफलता नहीं मिलने पर भी हिम्मत न हारना बुद्धिमानी है। हार का विश्लेतषण करो और आगे बढ़ो। जिसने डर को जीत लिया, वह सबको जीत सकता है।

अनमोल वचन

मन पर नियंत्रण -
'जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है.'

खुद का आकलन -
'आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशासित रहो, उठो.'

हर काम का फल मिलता है -
'इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है.'

विश्वास के साथ विचार -
'व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे.'

काम में ढूंढें खुशी -
'जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं.'

अपने अहंकार को छोड़ो : 
व्यक्तिगत जीवन में हमेशा सहज व सरल बने रहो।
जिस तरह शक्ति संपन्न होने पर भी श्रीकृष्ण को न तो युधिष्ठिर का दूत बनने में संकोच हुआ और न ही अर्जुन का सारथी बनने में। एक बार तो दुर्योधन के छप्पन व्यंजन को छोड़ कर विदुरानी (विदुर की पत्नी) के घर उन्होंने सादा भोजन करना पसंद किया।

सुख – दुःख, लाभ – हानि और जीत – हार की चिंता ना करके मनुष्य को अपनी शक्ति के अनुसार कर्तव्य -कर्म करना चाहिए। ऐसे भाव से कर्म करने पर मनुष्य को पाप नहीं लगता।

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