आज आप यहां पर ब्लैक होल के बारे में जानेंगे। आखिर ब्लैक होल क्या है और उसके क्या सिद्धांत है। हालांकि देखा जाए तो ब्लैक होल का विषय इतना तेजी से फैलता जा रहा है कि लोग इसके बारे में काफी रुचि ले रहे हैं। आज यहां पर हम जानेंगे कि ब्लैक होल कैसे बनता है और इसके बारे में कई विशेषज्ञों का क्या कहना है। तो चलिए शुरू करते हैं।
क्या ब्लैक होल एक काल्पनिक सोच है?
सबसे पहले बात आती है कि ब्लैक होल क्या असलियत में किसी ने देखा है, या फिर यह एक काल्पनिक सोच है। अगर बात करें ब्लैक होल की तो विभिन्न विशेषज्ञों और साइंटिस्टों द्वारा शोध किया गया एक काल्पनिक सिधांत है। जो मात्र एक कल्पना के अलावा और कुछ नहीं है। अर्थात अभी तक यह सिद्ध नहीं हो पाया है कि यह वाकई में अंतरिक्ष में ब्लैक होल की घटना घटित होती है भी या नहीं। ब्लैक होल के विषय में विभिन्न वैज्ञानिकों का अपना सिद्धांत है। लेकिन कुछ ऐसे सिद्धांत है जो सभी विशेषज्ञों के सिद्धांतों से मेल खाते हैं।
ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बल क्यों ज्यादा होता है?
विशेषज्ञों का कहना है जब भी कोई तारा नष्ट होता है। तो वह ब्लैक होल की रचना करता है। जिसका गुरुत्वाकर्षण बल इतना अधिक होता है कि आसपास के सभी नजदीकी ग्रहों को अपनी तरफ खींच कर अपने आप में समाहित कर लेता है। इसका कारण उसका घनत्व है।
ब्लैक होल में जाने वाली प्रकाश वापस क्यों नही आती?
कई विशेषज्ञों यह भी कहना है कि ब्लैक होल में गई रोशनी वापस नहीं आती। क्योंकि हम यह बात जानते हैं कि जो रोशनी किसी वस्तु से टकराकर हमारे आँख पर वापस आती है तभी वह वस्तु हमें दिखाई देती है। लेकिन ब्लैक होल का सिद्धांत बहुत ही अजीब है। ब्लैक होल में जाने वाली कितनी भी शक्तिशाली प्रकाश वापस लौट कर नहीं आती।
ब्लैक होल में जाने पर क्या होगा?
कई वैज्ञानिकों का यह कहना है कि ब्लैक होल में अगर आप गिर जाते हैं। तो आपके लिए समय रुक जाता है अर्थात अगर आपकी उम्र मात्र 25 साल हो और आप ब्लैक होल में गिर जाते हैं। तो 50 साल बाद जब आप ब्लैक होल से बाहर आएंगे तब भी आपकी उम्र 25 साल जितनी होगी। बल्कि औरों के लिए आप की उम्र 75 साल होगी। और बाकी लोगों कि उम्र पचास वर्ष ज्यादा होगी आपके उम्र के तुलना में।
ब्लैक होल की रचना कैसे होती है?
अगर हम उदाहरण के तौर पर बात करें तो जो हमारा सूर्य है और उसके चारों ओर कई ग्रह परिक्रमा कर रहे हैं। जैसे पृथ्वी, मंगल, बुध ग्रह आदि। अगर किसी कारणवश अगर हमारा सूर्य नष्ट होता है। एक ऐसा ब्लैक होल कि उत्पत्ति होगी। जो हमारे सौर मंडल के सभी करीबी ग्रहों को अपने अंदर खींच लेगा और अपने आप में समाहित कर लेगा। फिर कई अरबो खरबो साल बाद फिर से एक नई प्रक्रिया शुरु होगी और वह प्रक्रिया के कारण। फिर से नया सूर्य तथा नए ग्रहों का रचना होगा और ये प्रक्रिया चलती रहेगी।
ब्लैक होल से जुड़ी यह जानकारी आपको कैसी लगी?
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